मुझे आदत नहीं बातों की………….

मुझे आदत नहीं बातों की कुछ कर दिखाना चाहती हूं रात को रवि धरती को स्वर्ग बनाना चाहती हूं मेरी मंजिल के दरवाजे भले ही बंद हैं हिम्मत और मेरे हौसले बुलंद है । फनाह कर सकूं दरिंदों को ऐसी साजिश बनना चाहती हूं। दिवाली में रंग, में होली में आतिश चाहती हूं । सामनेContinue reading “मुझे आदत नहीं बातों की………….”

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